skc the poet
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Wednesday 27 August 2014
चाहता था मैं भी, प्यार को दिलों के तराजू पर तोलना
पर न जानता था, दूसरा पलडा इस कदर हल्का होगा......।
अपनी खूशबू न देने वाले सुन्दर फूलों से तो, वो काँटे अच्छे है। जो अपना दर्द ही सही पर बाटंते तो है।।
Monday 25 August 2014
देश धर्म जाति ना होती , होते बस इंसान
करो कल्पना तुम पाओगे ,दुनिया स्वर्ग समान
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